From Karbala to Calvary

 

शाने सलीब

मुसन्निफ़

रेवरेंट-एस-एम-ज़्वेयमर

 

Samuel M. Zwemer

THE GLORY OF THE CROSS

By

Samuel Marinus Zwemer

April 12, 1867 – April 2, 1952

The Apostle to Islam


पंजाब रिलीजियस बुक सोसाइटी
अनारकली लाहौर
1951 ईस्वी

  फ़हरिस्त मज़ामीन  
बाब अव़्वल सबसे पहले मसीह मस्लूब हुआ  
बाब दोम हमने दग़ाबाज़ी की घड़ी हुई कहानीयों की पैरवी नहीं की।  
बाब सोम और उन्होंने उस की आँखें बंद कीं  
बाब चहारुम उन्होंने येसु को बाँधा उन्होंने उस के मुँह पर थूका.....  
बाब पंजुम उन्होंने.....उसके कपड़े क़ुरआ डाल कर बांट लिए........  
बाब शुशम ऐ मेरे ख़ुदा ऐ मेरे ख़ुदा तूने मुझे क्यों छोड़ दिया है?  
बाब हफ़तुम देखो ख़ुदा का बर्रा  
बाब हशतुम उन्होंने......जलाल के ख़ुदावंद को सलीब दी  
बाब नहम उसने अपने हाथ उन्हें दिखाए  
बाब दहम उसके जी उठने की क़ुदरत  

 

चूँकि ख़ुदा एक है लिहाज़ा इंजील भी एक है। अगर ख़ुदा ने वाक़ई मसीह के वसीला से कोई ऐसा काम किया है। जिस पर दुनिया की नजात मुनहसिर है और अगर उसने उसे ज़ाहिर भी कर दिया है तो फिर मसीहीयों पर फ़र्ज़ है कि हर एक ऐसी शैय को दूर करें जो उसे बिगाड़ती। उस की तर्दीद करती और उस को नज़रअंदाज करती है। वो जो उस ख़ुश-ख़बरी में बिगाड़ पैदा करता है ख़ुदा और इन्सान का बदतरीन दुश्मन है । ग़लतीयों 1:8 के सख़्त व तुन्द अल्फ़ाज़ पर पौलुस की शुद खोई और उस की तंग-ख़याली का नतीजा ना थे। बल्कि उनका सबब ख़ुदा की वो ग़ैरत है जो मसीह के ख़ून से नजात याफताह रूह में नजातदिहंदा के लिए वैसी ही ग़ैरत की आग मुश्तइल कर देती है। उस क़िस्म की ग़ैर रवादारी दीन-ए-हक़्क़ा का एक ज़रूरी अंसर है और उन मआनी में ग़ैर रवादारी की फ़हम की मुसन्ना है।